उत्तराखंड में 27 जनवरी, 2025 से यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू हो गया है। इसके साथ ही उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (यूसीसी-यूनिफॉर्म सिविल कोड) लागू करने वाला भारत का पहला राज्य भी बन गया है। हालांकि उत्तराखंड की बीजेपी सरकार के फ़ैसले की विपक्षी पार्टियां और कुछ धार्मिक समूहों ने विरोध भी किया है। लेकिन उसके बावजूद अब शासन-प्रशासन ने लोगों से रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन मांगने शुरू कर दिए है।
विवाह, तलाक़ और लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले नागरिकों के लिए होंगे ये बदलाव:
अनुसूचित जनजाति और किसी प्राधिकरण के ज़रिए संरक्षित व्यक्ति और समुदायों को छोड़कर यूसीसी उत्तराखंड के सभी निवासियों पर लागू होगा। उत्तराखंड के समान नागरिक संहिता क़ानून में विवाह और तलाक़, उत्तराधिकार, लिव-इन रिलेशनशिप और इनसे जुड़े मुद्दे शामिल होंगे। साथ ही ये महिलाओं और पुरुषों के लिए शादी की एक उम्र तय करता है। जिसमें पुरुष की आयु कम से कम 21 वर्ष और महिला की 18 वर्ष होना ज़रूरी है। इसके साथ ही सभी धर्मों में तलाक़ और दूसरी प्रकियाओं के लिए एक ज़मीन तय करता है। ये क़ानून बहुविवाह पर भी प्रतिबंध लगाता है। इस क़ानून के तहत सिर्फ़ उन दो पक्षों के बीच विवाह हो सकता है, जिसका कोई जीवित जीवनसाथी न हो। दोनों क़ानूनी अनुमति देने के लिए मानसिक रूप से सक्षम हों। विवाह धार्मिक रीति-रिवाज या क़ानूनी प्रावधान के अनुसार हो सकता है। साथ ही इस क़ानून के लागू होने के बाद 60 दिनों के अंदर शादी को रजिस्टर कराना अनिवार्य होगा।
किन लोगों को अनिवार्य होगा शादी का रजिस्ट्रेशन कराना:
एक सरकारी बयान के मुताबिक़, 26 मार्च 2010 से पहले जो भी विवाह राज्य में या राज्य से बाहर हुआ है यदि उसमें दोनों पक्ष साथ रहे हैं और क़ानूनी पात्रता रखते हैं तो वो क़ानून लागू होने के छह महीनों के अंदर विवाह का रजिस्ट्रेशन अवश्य कराना होगा। इस क़ानून के मुताबिक़, अगर पति-पत्नी के बीच कोई भी मनमुटाव होता है तो उसके लिए वो कोर्ट का रुख़ कर सकते हैं, जिसका समाधान क़ानून के आधार पर होगा। इसके अलावा आपसी सहमति से तलाक़ के मामले में भी कोर्ट का रुख़ करना होगा।
इस क़ानून के तहत तलाक़ के लिए भी कई आधार दिए गए हैं, जब कोई शख़्स तलाक़ के लिए याचिका दायर कर सकता है, जैसे..
1. जब पति-पत्नी में से किसी ने भी किसी और के साथ मर्ज़ी से शारीरिक संबंध बनाए हों।
2. जब किसी ने भी क्रूरता का व्यवहार किया हो।
3. विवाह के बाद दोनों पक्ष कम से कम दो साल से अलग रह रहे हों।
4. किसी एक पक्ष ने धर्म परिवर्तन कर लिया हो या कोई एक पक्ष मानसिक बीमारी से पीड़ित हो।
5. कोई एक पक्ष यौन रोग से पीड़ित हो या सात साल से किसी एक पक्ष का कोई अता-पता न हो।
6 .विवाह के एक साल के अंदर तलाक़ के लिए याचिका पर प्रतिबंध होगा लेकिन असाधारण मामलों में ये दायर की जा सकती है।
7. किसी व्यक्ति की प्रथा, रूढ़ि, परंपरा से तलाक़ नहीं हो सकेगा।
ऑनलाइन आवेदन इस प्रकार करें:
1. https://ucc.uk.gov.in/portal/login की वेबसाइट पर जाएँ।
2. do not have account पर रजिस्टर करें।
3. id बनने के बाद citizen में अपनी नयी लॉगिन id से लॉगिन करें।
4. लॉगिन करने के बाद मैरिज रजिस्ट्रेशन का dashboard open हो जाएगा।
मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए ये लगेंगे आवश्यक दस्तावेज:
1. पत्नी की फोटो
2. पति की फोटो
3. युगल की फोटो (यदि विवाह की तिथि 27 जनवरी 2025 से पहले की है)
4. युगल की विवाह फोटो (यदि विवाह की तिथि 27 जनवरी 2025 को या उसके बाद की है)
वैकल्पिक दस्तावेज
1. विवाह निमंत्रण कार्ड
अतिरिक्त दस्तावेज आवश्यक (केवल तभी लागू होंगे जब नीचे बताई गई शर्तें पूरी हों)
एक से अधिक विवाह (यदि विवाह की तिथि 27 जनवरी 2025 से पहले की है और बताया गया धर्म इस्लाम है)
i) वैधानिक प्रावधान का प्रमाण
यदि विवाह के समय व्यक्ति की पिछली संबंध स्थिति या अकेले आवेदन करने का कारण तलाकशुदा है
i) तलाक का आदेश
यदि विवाह के समय व्यक्ति की पिछली संबंध स्थिति या अकेले आवेदन करने का कारण प्रथागत कानूनों के माध्यम से तलाकशुदा है (27 जनवरी 2025 से पहले की शादियों के लिए)
i) विवाह विच्छेद का प्रमाण
यदि विवाह के समय व्यक्ति की पिछली संबंध स्थिति विवाह या अकेले आवेदन करने का कारण विवाह निरस्त है
i) शून्यता का आदेश
यदि विवाह के समय व्यक्ति की पिछली संबंध स्थिति या अकेले आवेदन करने का कारण प्रथागत कानूनों के माध्यम से विवाह निरस्त है (27 जनवरी 2025 से पहले के विवाहों के लिए)
i) विवाह निरस्तीकरण का प्रमाण
यदि विवाह के समय व्यक्ति की पिछली संबंध स्थिति या अकेले आवेदन करने का कारण विधवा/विधुर है
i) जीवनसाथी का मृत्यु प्रमाण पत्र
यदि विवाह के समय व्यक्ति की पिछली संबंध स्थिति लिव-इन पार्टनर की मृत्यु है
i) मृतक महिला/पुरुष लिव-इन पार्टनर का मृत्यु प्रमाण पत्र
उत्तराखंड का निवासी:- “निवासी प्रमाण के लिए दी गई सूची में से एक दस्तावेज़ अपलोड करें”
i) निवास प्रमाण पत्र ii) स्थायी निवासी प्रमाण पत्र iii) नियोक्ता से प्रमाण पत्र iv) रोजगार का अन्य दस्तावेजी प्रमाण v) कम से कम एक वर्ष पुराना बिजली/पानी का बिल vi) पासपोर्ट के प्रासंगिक अंश vii) कम से कम एक वर्ष पुराने किरायेदार सत्यापन प्रमाण पत्र के साथ किराया समझौता viii) राज्य/केंद्र सरकार द्वारा जारी लाभार्थी कार्ड ix) कोई अन्य वैध दस्तावेज़ (दावे का समर्थन करते हुए)
भारत के अलावा अन्य देशों के नागरिक होने वाले व्यक्तियों के लिए
i) पासपोर्ट के अंश
उम्र के प्रमाण के रूप में उल्लिखित सूची में से कोई एक दस्तावेज़ प्रदान करें”
i) जन्म प्रमाण पत्र ii) 10वीं कक्षा की मार्कशीट iii) पैन कार्ड iv) पासपोर्ट
27 जनवरी 2025 से पहले के विवाहों के लिए, स्व-घोषणा (जैसा कि विवाह पंजीकरण/पावती प्रपत्र में निर्दिष्ट है) प्रस्तुत करें या सूचीबद्ध दस्तावेज़ प्रदान करें
i) विवाह समारोह संपन्न कराने वाले अधिकारी द्वारा जारी विवाह समारोह प्रमाणपत्र
पंजीकृत विवाह की पावती के लिए
विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र
27 जनवरी 2025 को या उसके बाद के विवाहों के लिए
i) विवाह समारोह के लिए स्व-घोषणा (डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें)
निषिद्ध संबंधों की डिग्री की सूची
i) निषिद्ध संबंधों की डिग्री की सूची (डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें)
यदि संबंध वैध नहीं है ऊपर संलग्न सूची में विशेष रूप से दिए गए निषिद्ध संबंध की श्रेणी के अंतर्गत
i) धार्मिक नेता/समुदाय प्रमुख द्वारा हस्ताक्षरित ऐसे संबंध के अंतर्गत विवाह की अनुमति देने वाले रीति-रिवाज और उपयोग का प्रमाण पत्र (डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें)
बच्चे/बच्चों के विवरण के लिए दी गई सूची में से कोई एक दस्तावेज़ प्रदान करें
i) जन्म प्रमाण पत्र (यदि बच्चा पैदा हुआ है)। ii) दत्तक ग्रहण प्रमाण पत्र (यदि बच्चा गोद लिया गया है)